भारत सरकार का ध्यान इस ओर तब गया जब इंग्लैंड और वेल्स के अभिलेखों के संबंध में नियुक्त राजकीय आयोग ने सन् 1914 में भारतीय अभिलेखों की अव्यवस्थित अवस्था पर टिप्पणी की।
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श्रम के प्रश्न पर जो राजकीय आयोग स्थापित हुआ उसने सुझाव दिया कि राज्य सरकार द्वारा स्थायी रूप से संराधन अधिकारी नियुक्त किए जाएँ, जिनका यह कर्तव्य हो कि औद्योगिक विवाद उठ खड़ा होने पर आरंभ में ही उभय पक्षों में समझौता करा दें।